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Thursday, November 1, 2007

दिवाली है आई


दिवाली
बधाई बधाई बधाई बधाई
मुबारक सभी को दिवाली है आई.

दशहरा गया अब दिवाली है आई
अंधेरों में रौशन उजाले है लाई.

है शुभ शुभ सुन्हरा ये त्यौहार लोगो
जलाकर दिये वो जगाने है आई.

श्रधा से जो लक्ष्मी का पूजन किये है
वहीं बाँटने धन है लक्ष्मी जी आई.

करे विघ्न का नाश गणनाथ देवा
परे कष्ट करके करे है भलाई.

सदा माँ सरस्वत क्रपा धारिणी बन
दे वर ग्यान का हर किसी को है भाई.

खिलाओ और खाओ, दिवाली मनाओ
बने ढेर पकवान और रस मलाई.

ज़मीरों की जलती रहे शम्अ हर पल
दुआ माँगने देवी दर पर है आई.1

1 comment:

Hem Jyotsana said...

Aderneiye Deviji
aapke is blog Sahil-reti ko pheli baar padaa aur behad acha lagaa.
deepawali ki aapko bahut bahut badhai ho.. :)
saadar
Hem jyotsana