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Saturday, January 22, 2011

निकिता नागरानी

जन्म: २0 may 2006

एक गुडिया रानी थी
लगती बड़ी सायानी थी
हाथ से सबकुछ छीने ऐसे
कौवों की वो रानी थी

Monday, January 17, 2011

मेरी प्रार्थना

My God is so Great
So strong and so mighty
There is nothing my God Can not do
For You, For You

आओ राजा आओ रानी

आओ राजा आओ रानी
तुम्हें सुनाऊँ एक कहानी
एक था हाथी, एक थी हाथिन
दोनों निकले पीने पानी

हाथिन ने जब पी लिया जल
हाथी ने कुछ मन में ठानी
पानी भरकर सूड़ में अपनी
दोनों राह चले पहचानी

चलते चलते राह में देखा
पानी बिन इक चिड़िया प्यासी
पास में उसके जा हाथी ने
बरसाया सब सूड़ का पानी

ख़ुश हुए सब देखने वाले
ताली बजा बजाकर नाचे
"हाथी वन का बना है राजा
हाथिन उसकी हुई है रानी"

आओ राजा आओ रानी
तुम्हें सुनाऊँ एक कहानी
देवी नागरानी

Wednesday, January 5, 2011

न लोहा बन सके सोना

वो पारस क्या जिसे छूकर
न लोहा बन सके सोना

विकारों मैं है मन मैला
शरीरों को है क्या धोना?

यह रिश्तों की बची है राख
नए फिर बीज क्यों बोना?

सजा कर दिल में बर्बादी
किया आबाद हर कोना

न ऐसी चाह रख दिल में
जहाँ पा कर पड़े खोना

ख़ुशी मातम मनाती जब
ग़मों को आ गया रोना

मुझे दे पाक दिल मौला
न धन मांगूँ न मैं सोना

यह जीवन कैसा है देवी
सलीबों को जहाँ ढोना
देवी नागरानी

Sunday, January 2, 2011

जीवन एक पहेली

जीवन का है अर्थ अनोखा
फिर बिन अर्थ बिताए क्यों ?

बसँत ऋतू में बहार आई
फिर कलियाँ मुरझाए क्यों ?

घनी है जीवन पेड़ की छाया
नीरस पल फिर आए क्यों ?

देह विदेह के अँतर घट में
घने अँधेरे छाए क्यों ?

रचना की सुँदरता में ये
कुरूप पल है आए क्यों ?

सुलझी है हर गुत्थी फिर भी
उलझन के ये साए क्यों ?

कोयल स्वयँ तो काली काली
मीठी कूक सुनाए क्यों ?
देवी नागरानी