Pages

Friday, February 18, 2011

आओ राजा आओ रानी




आओ राजा आओ रानी
तुम्हें सुनाऊँ एक कहानी
एक था हाथी, एक थी हाथिन
दोनों निकले पीने पानी

हाथिन ने जब पी लिया जल
हाथी ने कुछ मन में ठानी
पानी भरकर सूड़ में अपनी
दोनों राह चले पहचानी

चलते चलते राह में देखा
पानी बिन इक चिड़िया प्यासी
पास में उसके जा हाथी ने
बरसाया सब सूड़ का पानी

ख़ुश हुए सब देखने वाले
ताली बजा बजाकर नाचे
"हाथी वन का बना है राजा
हाथिन उसकी हुई है रानी"

आओ राजा आओ रानी
तुम्हें सुनाऊँ एक कहानी
देवी नागरानी

Thursday, February 17, 2011

तितली उड़ी


तितली उड़ी
अपने नन्हें भाई "सँभव शर्मा" को सुनाते हुए

तितली उड़ी, बस में चढ़ी
सीट नहीं मिली
ड्राइवर ने कहा
आजा मेरे पास
तितली बोली " हट बदमास"
मैं तो चली वापस आकाश.
प्रसुतकर्ताः
स्तुति शर्मा

एक मुर्गा चश्मे दीदम


एक मुर्गा चश्मे दीदम
चलते चलते थक गया
लाओ चाकू काटो गर्दन
फिर भी वो चलने लगा
कलमकारःस्तुति शर्मा
(Grand-daughter of Shri R.P.Sharma)

मेरे बचपन का अक्स

मेरी पोती निकिता नागरानी
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी
तू क्यों भई उदास
बन संवर कर आज है जाना
तुझे पिया के पास
देवी नागरानी

Tuesday, February 1, 2011

रिशतों में है सौदेबाज़ी



रिशतों में है सौदेबाज़ी
कोई नहीं है किससे राज़ी.

तुम गर सेर सवा मैं भी हूँ
समझो भल पर कम नहीं हूँ

तू मेरा मैं तेरा काजी
कोई नहीं है किससे राज़ी

"तेरा मेरा" करके बढ़ाई
दिल में दरार की यह खाई

इक दूजे के वो सौदाई
कोई नहीं है किससे राज़ी

नहीं शिकायत शिकवा कोई
कौन यहाँ है दिलबर देवी

लुटी लुटी है सारी खुदाई
कोई नहीं है किससे राज़ी
देवी नागरानी