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Tuesday, November 9, 2010

भूखे को तुम रोटी दे दो

मोटी हो या दुबली दे दो
दादी माँ को पोती दे दो

पेट नसीहत से न भरेगा
भूखे को तुम रोटी दे दो

बिन पानी के प्यासे पौधे
उनको जल की लोटी दे दो

बाल नहीं हैं जिनके सर पर
उनको लंबी चोटी दे दो

फुटपाथों पर जो रोते हैं
उनको छोटी खोली दे दो

झूठ और सच को परखे ‘देवी’
ऐसी एक कसौटी दे दो
देवी नागरानी

2 comments:

Padm Singh said...

झूठ और सच को परखे ‘देवी’
ऐसी एक कसौटी दे दो

...बस इतना ही

उपेन्द्र नाथ said...

झूठ और सच को परखे
ऐसी एक कसौटी दे दो

bahoot hi sunder kamna hai..... kash aisa hi hota.