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Friday, December 21, 2007

ये नया साल देखो चला आ रहा

नया साल २००८ ये नया साल देखो चला आ रहा मुस्कराकर पुराना चला जा रहा. बीत कर जो गया वो हमारा था कळ आज खुशियाँ समेटे नया आ रहा. है खुशी का नजारा यहाँ हर तरफ खिलखिलाहट सभी को सुनाता रहा. घूँट खुशियों के पीता रहा हर कोई गीत खुशियों भरे दिल ये गाता रहा. है फिजाँ शोख उसमें है शामिल खुशी जाम से जाम है वक्त टकरा रहा. हो मुबारक खुशी, अळविदा ग़म तुम्हें दिल दुआओं को देवी है छलका रहा.

1 comment:

गरिमा said...

नये साल की तरह रोज रोज नयी खुशियाँ आये, और आप हमेशा यूँ ही खुश रहे साल के अंतिम दिन तक