यही वह समय है
जब वक़्त के गलियारे से
गुज़रते हुए
अपने बीते हुए "कल" का किवाड़
अपने पीछे बंद कर दें
और, आने वाले कल को
अपनाने के लिए 'आज' का दरवाज़ा खुला रखें
आज का वक़्त
उस अध्ययन में बिताएं
तो फिर शायद वो ग़लतियां
सामने न आए, जो
कल के किवाड़ के पीछे
हम बंद कर आए हैं.
देवी नागरानी
जब वक़्त के गलियारे से
गुज़रते हुए
अपने बीते हुए "कल" का किवाड़
अपने पीछे बंद कर दें
और, आने वाले कल को
अपनाने के लिए 'आज' का दरवाज़ा खुला रखें
आज का वक़्त
उस अध्ययन में बिताएं
तो फिर शायद वो ग़लतियां
सामने न आए, जो
कल के किवाड़ के पीछे
हम बंद कर आए हैं.
देवी नागरानी
2 comments:
सटीक सीख देती रचना ...
शायद वो ग़लतियां
सामने न आए, जो
कल के किवाड़ के पीछे
हम बंद कर आए हैं
khoobsurti ke sath shikcha deti hui.
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